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नागरीप्रचारियो पत्रिका . ने संसार की जातियों को शांति तथा सच्ची उन्नति का उपहार प्रदान किया।
अशोक की इस महान विजय के सामने सिकंदर की सांसारिक लोलुपता से परिपूर्ण सफलता और विश्व-विजय
- सब तुच्छ हैं। भारतवर्ष पर तो इस सिकंदर की दिग्वि
विजय का तनिक भी प्रभाव नहीं पड़ा। जय की अशोक की
विजेता के लौटते ही यहाँ की जनता दिग्विजय से तुलना
" उसके इस तुच्छ तथा घृणित काम को ऐसे भूल गई मानो वह एक स्वप्न था। इसके बाद चंद्रगुप्त ने सिकंदर के यूनानी उत्तराधिकारियों को भारत से मार भगाया। तब दोनों में सुलह हो गई और भारत का मान इतना बढ़ा कि मेगस्थिनीज, डाईमेकस, डायोनिसियस इत्यादि राजदूत यूनान तथा मित्र प्रादि देशों से मगध के दरबार में आते रहे। वे सब भारत से संबंध बराबर रखना चाहते थे। वे भारतवर्ष की सभ्यता से प्रभावित होने लग गए थे। ऐसे समय में अशोक ने भारतीय आदर्श एवं सभ्यता का इन देशों में प्रचार किया। ___ इसके कुछ काल पीछे ई० पू० दूसरी शताब्दी में फिर कतिपय यूनानी राजाओं ने भारत के कई भागों पर अधिकार
जमा लिया। परंतु इस समय उनमें अशोक के प्रचार
र से कई एक हिंदू धर्म के अनुयायी हो
र
चुके थे। सन् १५० (ई० पू०) के बेसनगर के स्तंभ-लेख से पता चलता है कि एक यूनानी राजा ने वैष्णव मत ग्रहण किया था। बौद्ध धर्म के ग्रंथ "मिलिन्द पन्हो" से स्पष्ट है कि बौद्ध दर्शन और धर्म का कितना
का प्रभाव
(१) अर्थात् "मिांडर राजा की प्रश्नावली"।
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