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| अष्टगंध से आलेखन कर इसकी पूजा करने से अपूर्व लाभ होता है। विघ्न-संकट या रोग उपद्रव के समय घर या दूकान के चारो कोनों में दीप-धूप रख कर 'तिजय पहुत्त' स्तोत्र का पाठ करने से बहुत लाभ होता है। ३.पैंसठिया यंत्र | २२ | ३ | ९ | १५ | १६
यह पैसठिया यंत्र है। इस
यंत्र का आलेखन रवि पुष्य योग । १४ | २० | २१ | २
के दिन अष्ट गंध से करना | १ | ७ | १३ | १९ / २५ | चाहिये। आलेखन करते वक्त | ११ | १७ | २३ | ४
सर्व प्रथम १, फिर २, ३ इस
प्रकार २४ तक लिखना चाहिये; १८ | २० | ५ | ५ | १२| क्योंकि १ से लगाकर २४ तक के अंक तीर्थकर सूचक हैं। अन्त में २५ का अंक लिखना चाहिये। शेष विधि गुरू गमसेजान लेनी चाहिये। ४. वीसा यंत्र
विधि - अष्टगंध से इस यंत्र का आलेखन करके लक्ष्मी देवी के मंत्रों का जाप किया जाता
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मंत्रइस प्रकार है१) ॐ हीं नमः वीशा यंत्र धारिणी लक्ष्मीदेवी मम वांछितं
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श्रीमुनिसुव्रत स्वामी चरित ७३ Shree Sudharmaswarr GyantirardarForrrara, Surat
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श्रीमुनिसुव्रत स्वामी चरित ७३
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