________________
(९)
उदयपुर के मन्दिर
मेवाड के प्रसिद्ध पाँच तीर्थों का वर्णन किया जाचुका है। मेवाड के ये पाँचों तीर्थ केशरियाजी, करेड़ा, अदबदजी, देलवाड़ा और दयालशाह का किला जिस तरह आकर्षक और कुछ-न-कुछ विशेषता से पूर्ण हैं, उसी तरह खास उदयपुर के मन्दिर भी कुछ कम आकर्षक नहीं हैं। बल्कि, कोई कोई मन्दिर तो ऐसे हैं, जो अच्छे अच्छे तीर्थस्थानों के मन्दिरों को भी भुला दें। उदाहरण के तौर पर-श्री शीतलनाथ का मन्दिर, वासुपूज्यस्वामी का मन्दिर, चौगान का मन्दिर, वाडी का मन्दिर आदि । उदयपुर में कुल ३५ या ३६ मन्दिर हैं, जिनमें शीतलनाथजी का, वासुपूज्य स्वामी का, चौगान का, बाड़ी का, सेठ का, केशरियानाथजी का आदि मन्दिर मुख्य, विशाल और मनोहर हैं। इन मन्दिरों के अतिरिक्त, उदयपुर से लगभग एक ही मील दूर स्थित आहड में चार विशाल : मन्दिर मौजूद हैं। त्योंही उदयपुर से लगभग दो
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com