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उदयपुर की संस्थाएँ विद्यालय, महिला शिक्षणप्रचारकेन्द्र, कन्याश्रम, महिलाश्रम, बालाश्रम, घूमता रहनेवाला पुस्तकालय, महिला कलाभवन आदि कार्यविभागों की योजना की गई है। ज्यों ज्यों अनुकूलता होती जाती है, त्यों ही त्यों नये नये उपायों का अवलंबन किया जा रहा है।
यह संस्था, एक सार्वजनिक कमेटी के द्वारा चलती है । इस समिति के प्रधान, राय बहादुर ठाकुर राजसिंहजी हैं और मन्त्री हैं-बाबू भेरूलालजी गेलडा। बाबू भेरूलालजी गेलड़ा एक स्वार्थत्यागी ओसवाल गृहस्थ हैं । बालिकाओं को शिक्षण देने के कार्यसे, उन्हें अत्यन्त प्रेम है । संस्था के सद्भाग्य से, विद्यावती देवी नामक एक प्रधान-शिक्षिका का सहकार उनको प्राप्त हुआ है । ये बाई सुशीला और बालाओं के प्रति अत्यन्त वात्सल्य भाव रखनेवाली हैं।
उदयपुर की उपर्युक्त दोनों सार्वजनिक संस्थाएँ, सचमुच ही सहायता के योग्य संस्थाएँ हैं।
___३-जैन संस्थाएँ । उपर्युक्त दो सार्वजनिक संस्थाओं के अतिरिक्त, उदयपुर में और भी अनेक सामाजिक संस्थाएँ प्रत्येक फिरके में मौजूद हैं। स्थानकवासी सम्प्रदाय में जनशिक्षण संस्था' है। दिगम्बरों की भी संस्था-पाठशाला है । श्वेताम्बर मूर्तिपूजकों के जैन बोटिंग, जैन कन्याशाला, जैन पाठशाला आदि हैं । जैन कोडिंग के पास खासी रकम है, जिसके ब्याज मात्र मे मा
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