SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 419
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तवारिख-शहर-मुर्शिदाबाद. ( ३०१ ) लोगोका हुजुम बहुत रहताहै, चायकी पैदाश-ज्यादह-पहाडियोमें कइगुफा-और उंची उंची पहाडीयोमें तेंदुए-भालु-और-बडे हिरनभी रहाकरते है, आवहवा यहांकी उमदा और गौंकेदिनोमें शरीफलोग यहां आनकर सकुनत इख्तियार करते है, मुल्कआसाममें-ढाकमें-दार्जिलिंगमें--और--कुचविहारमें-जैनोंकी आबादीभी है, मगर थोडी, कलकत्तेसें अगर कोइ यात्री रंगुन जानाचाहे ष्टीमरमें जासकते है, किराया थर्डकलास पासेंजरका रुपये (१०) लगते है, रंगुनमें जैनश्वेतांवर श्रावकोकी आवादी और मंदिर वनाहुवा है, चावलकी पैदाश ज्यादह-और तिजारतकी जगहहै. कलकत्तेसें यात्री इष्टरन बंगाल स्टेटरेलमें सवारहोकर-स्यालदा-डमडम-बेलगुरिया-अगरपारा-सोदेपुर-खरडाहा तीताघरबराकपुर-पालता-इछापुर-सामनगर--कनकीनरा--नयहाटी-हाली शहर-कंचपारा-मदनपुर-सीमुराली-चकदा-प्याराडंग-रानाघाटबीरनगर-बदकुला-कृष्ननगर--धुबुलिया-मुरागचा--बेधुआधरीडेबाग्राम-प्लासी-राजीनगर-बेलदंगा-भापता-सेरागची-बरहामपुर-और कासिम बजार टेशन होते-मुर्शिदाबाद उतरे, रैलकिराया एकरुपया पोनेदसआने लगते है, [ तवारिख-शहर-मूर्शिदाबाद,-] मुल्क बंगालमे-मुर्शिदाबाद एक उमदा शहरहै, सन (१८९१) की मर्दुमशुमारीमें मुर्शिदाबादकी मर्दुमशुमारी (३५५७६) मनुष्योंकीथी, मुर्शिदाबाद पेस्तर बडाशहरथा, मकान वडे आलिशान रंगदार और खुबसुरत बनेहुवे, निझामतकालेज वडीलागतका मकानऔर-मोतीझील-एक-काबिल देखनेकी जगहहै, रेशमीकपडे-रुमाल Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy