________________
( ६५ )
४. देवाधि तुम देव जिनेश्वर, पार- ब्रह्म तुम ही परमेश्वर तुम हो दया भण्डार......प्रभु जी आये ५. बी० एल बन गया चरण पुजारी, जिंद तेरे चरणां तों वारी दर्श दयो इक वार . (५) रचियता - शान्तिलाल जैन 'नाहर' होश्यारपुर
......
( १ )
आदीश्वर भगवान हमारे सभी पुकारें जय हो ! हाथ जोड़कर खड़े हैं सारे, सब उच्चारें जय हो ! १. मीठी वानी से बनगंगा के मधुर गान है गावे
घूम घूम और भूम भूम कर सुन्दर रास रचावे गुण गाथा को सुन कर तेरी, चरणी सीस झुकावे
जीवन नैय्या के रखवारे, जय जयकारे जय हो आदीश्वर भगवान हमारे, सभी पुकारें जय हो
२. वेदों ने भी मुक्त कंठ से आप के यश को गाया जैनधर्म ने जिस ज्योति से अपना वैभव पाया भारत की संस्कृति का जो था जन्मदाता कहलाया
• प्रभु जो
ऋषि मुनि गुणगाते हारे, धर्म दुलारे जय हो श्रदीश्वर भगवान् हमारे, सभी पुकारें जय हो
३. ब्राह्मण, क्षत्रि, वैश्य, शूद्र हैं एक पिता की माया जैन, सनातन, सिक्ख, आर्य हैं एक वृक्ष की छाया. नदियां सारी जहाँ मिलें, वह सागर तू कहलाया
भारत जननी खड़ी पुकारे, मेरे सहारे जय हो आदीश्वर भगवान हमारे, सभी पुकारें जय हो
+ बनगंगा नदी जो किले के साथ बहती है ।
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com