________________
(४६) रुपये में मिलने की आशा है उस के लिये एक हजार की रकम या कुछ थोड़ा सा ज्यादा गुजरांवाला वाले लाला मकनलाल सुपुत्र श्री रामशाह मन्हानी ने देनी स्वीकार कर ली है। इन का नाम आपने अपनी रिपोर्ट में दे देना । हमारी तरफ से श्रीसंघ को धर्मलाभ कह देना और तुम श्रीसंघ अपने काम में सफल होवें ऐसो देवगुरु से प्रार्थना है। लेखक-केवलकृष्ण
(हस्ताक्षर) (भाषा उर्दू)
वल्लभ सुरि का धर्म लाभ
दूसरा पत्र बम्बई से मुनि श्री विशुद्धविजय जी से उर्दू भाषा में लिखवाया गया है सो नीचे दिया जाता है।
बम्बई शहर।
१५-४-४५. मास्टर अमरनाथ व ला० शान्तिलाल
श्री कांगड़ा तीर्थयात्रा संघ होश्यारपुर । धर्मलाभ के साथ मालूम हो कि इस जगह सुखसाता है धर्मध्यान में उद्यम रखना, सब को धर्मलाभ कह देना। आगे कांगड़ा उत्सव के सब पत्र मिले और आल इण्डिया श्वेताम्बर कान्फ्रेंस के वाईस प्रैजीडेंट श्रीयुत मोहनलाल जी चौकसी बम्बई निवासी ने कांगड़ा के उत्सव तथा महासभा पंजाब के अधिवेशन व यात्रासंघ से बातचीत तथा पहाड़ों के खूबसूरत नजारों के हालात सुनाये। सुन कर बहुत खुशी हुई। और मोहनलाल भाई ने यह भी कहा कि वहाँ यात्रियों के ठहरने के लिये धर्मशाला की बड़ी जरूरत है। यहाँ के कुछ भाईयों से बातचीत को थो उन्होंने कहा कि जो भाई कांगड़ा तीर्थ कमेटी के कार्यकर्ता हैं वे भी यहाँ गुरु महाराज के पास आवें और हम को Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com