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इस डैपुटेशन में निम्नलिखित महानुभाव शामिल हुए :ला० खुशीराम जो जैन ऐडवोकेट जालन्धर, ला० दौलतराम जी जैन ऐडवोकट होश्यारपुर । ला० जिनदासमल जेन ऐडवोकेट होश्यारपुर, ला अमरनाथ जी जैन हैडमास्टर गढ़दिवाला, ला० परमानन्द जी मन्त्री महासभा पंजाब, ला० कपूरचंद जो प्रधान श्री संघ जालन्धर, ला० कुन्दनलाल जी हैडमास्टर नकोदर, ला० ज्ञानचंद जी मन्त्री श्री संघ होश्यारपुर, ला० सरदारीलाल जी संघचालक कांगड़ा तीर्थयात्रा संघ, श्री० शान्तिलाल जी मन्त्री तीर्थोद्धार कमेटी होश्यारपुर ।
डैपुटेशन से डी० सी० साहिब बड़ी सहानुभूति के साथ मिले । हमारी विनति को बड़े ध्यान से सुना और कांगड़ा तीर्थ के इतिहास को भी सुना और पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिलाया। इधर पुरातत्व विभाग (Archaeological Deptt.) नई दिल्ली ने भी हमें पूरा पूरा सहयोग दिया । फलतः हमें सफलता प्राप्त हुई और आज यह प्रतिमा जैन मूर्त्ति घोषित हो चुकी है और जैनमूत्ति के तरीके से ही पूजी जा रही है और कोई अनुचित कार्यवाही करे ऐसा भय नहीं रहा ।
परन्तु यात्रा के समय से आगे पीछे व्यक्तिगत रूप में आने वाले. यात्रियों को पूजा करने में रुकावट हो गई जिस से हमें दुःख हुआ क्योंकि पुरातत्व विभाग के कुछ ऐसे ही प्रतिबंध थे । जिस पर हमारे पूज्यपाद गुरुदेव श्रीमद् विजयवल्लभ सूरीश्वर जो महाराज ने विशेष दृष्टि दी और उनकी अपार कृपा से हमें हमारे कुछ ऐसे प्रतिष्ठित महानुभावों का सहयोग प्राप्त हो गया जो देहली ही में विराजमान थे क्योंकि हम इतनी दूर बैठे महकमा वालों से मिलने और बातचीत: करने में बड़ी कठिनाई का अनुभव करते थे । माननीय श्रीमान् सेठ कोका भाई रमणलाल जी पारिख, श्रीमान् बाबू ज्ञानदास जी सीनियर सब- जज, आदरणीय सैक्रेटरी साहिब श्री नेमचन्द जी तथा
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