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(४०) नाम से पुनर्जीवित हुई जिस के प्रधान ला० दौलतराम जी जैन ऐडवोकेट होश्यारपुर, प्रधान मन्त्री ला० अमरनाथ जैन हैडमास्टर गढ़दीवाला वाले और मन्त्री श्री शान्तिलाल जैन नाहर होश्यारपुर निश्चित हुए । इस कमेटी ने पूरे उत्साह और लग्न से अपना कार्य
प्रारम्भ कर दिया। ___कांगड़ा में जैनों का कोई घर न होने से हमारे लिये अपने तीर्थ की देख-रेख और सुरक्षा करना अति कठिन था। सौभाग्यवश वहाँ पर हमारे प्रिय-बन्धु नकोदर निवासी ला० गुरदित्तामल जो जेन खण्डेलवाल अपने निजी काम के कारण कुछ समय से निवास कर रहे थे। वह बड़े धर्मप्रेमी और समाज-सेवी सजन थे। हमें विशेष दुःख है कि कुछ समय हुआ मृत्यु ने उन्हें हम से जुदा कर दिया । उस तीर्थ-प्रेमी ने अपने तीर्थ की कुछ बिगड़ी दशा का अनुभव किया। कुछ स्वार्थी लोग दादा की इस मनोहर मूर्ति द्वारा अनुचित लाभ उठा रहे थे और दोप पूर्ण कार्य करने से महान् अशान्ति पेदा कर रहे थे। उन्होंने यह समाचार हम तक पहुँचाये जिसे सुनकर हमें अति दुःख हुआ।
कमेटी ने सब से पहिले इसी ओर दृष्टि देनी उचित समझी और इस काम को सुचारु रूप से चलाने के लिये अपनी प्रमुख सभा श्री आत्मानन्द जैन महासभा पंजाब का सहयोग प्राप्त किया गया । श्री आत्मानन्द जैन महासभा पंजाब की ओर से तीर्थ की सुरक्षा निमित्त एक डैपूटेशन कांगड़ा के डिप्टी कमिश्नर श्री के० एल० कपूर साहिब से धर्मसाला के स्थान पर मिला और उन्हें तीर्थ सम्बन्धी दुर्व्यवस्था को सूचित करके उनसे सुधार की प्रार्थना की गई जिसे
उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया और सहयोग देने का पूरा विश्वास दिलाया। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com