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________________ निवेदन साधुमार्गी समाज के अद्वितीय प्रतिभाशाली और तेजस्वी संत जैनाचार्य पूज्य श्रीजवाहरलालजी महाराज के व्याख्यान - साहित्य के संबन्ध में अब कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं रह गई है । उनका साहित्य विपुल मात्रा में प्रकट हो चुका है । उसकी उपादेयता और गंभीरता से विवेकशील व्यक्ति सुपरिचित हो गये हैं । हर्ष है कि आज 'बीकानेर के व्याख्यान' नामक नवीन किरण पाठकों के कर-कमलों में पहुँचा रहे हैं। आशा है धर्मप्रेमी पाठक इसमें प्रदर्शित विचारों और आदर्शों पर चलकर अपना जीवन सफल बनाएँगे ! प्रस्तुत किरण श्रीमान् सेठ पीरदानजी रावतमलजी देशनोक (बीकानेर) के द्रव्य से लागत मूल्य में प्रकाशित हो रही है । पूज्य श्री की वाणी के प्रसार में आपने जो योग दिया है, उसके लिए हम आपके आभारी हैं। आपका परिचय अलग दिया जा रहा है । श्रीहितेच्छु श्रावक मण्डल रतलाम द्वारा संगृहीत व्याख्यानों के आधार पर श्री पं० शोभाचन्द्रजी भारिल्ल ने इसका सम्पादन किया है। पण्डितजी की सम्पादन - लेखन शैली के विषय में क्या कहा जाय ! पाठक उनसे भी सुपरिचित हैं। इन सब के प्रति मैं आभार प्रदर्शित करता हूं ! : निवेदक:चम्पालाल बांठिया, मंत्री, श्री जवाहर विद्यापीठ, भीनासर Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034899
Book TitleJawahar Kirnawali 19 Bikaner ke Vyakhyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJawaharlal Maharaj
PublisherJawahar Vidyapith
Publication Year1949
Total Pages402
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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