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बीकानेर के व्याख्यान ]
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संकटों का सामना किया। आज आप लोग चाहे जितनी कायरता दिखलाएँ, मगर इस भारतभूमि पर उन महात्माओं के चरण पड़ चुके हैं । अतएव भारत में कब कौन-सी शक्ति आजाएगी, यह नहीं कहा जा सकता।
जैसे टाल्सटाय ने विचार किया था कि इस बाई को विगाड़ने वाला कौन है, उसी प्रकार राम भी विचारते थे कि मेरी माता के पवित्र हृदय को विगाड़ने वाला कौन है ? ___में भी प्रापसे प्रश्न करता हूँ कि हिन्दुस्तान को विगाड़ने वाला कौन है ? अगर आप परावलम्बी जीवन का त्याग कर दें, स्वतंत्रजीवी बनें, फिजूल के खाने-पीने और पहनने-ओढ़ने के चक्कर में न पड़ें तथा अपने कर्तव्य का विचार कर पालन करें तो देश में पाप आ सकता है ?
'नहीं'
कौन इस बात को अस्वीकार कर सकता है कि हमारे कर्त्तव्य न पालने से ही देश में पाप प्रा घुसा है ?
राम ने विचार किया कि माता कैकेयी के मन में यह भेद भाव क्यों पाया कि राम हमारा बेटा नहीं है, भरत हमारा बेटा है; राम को राज्य मिलेगा तो कौशल्या प्रसन्न होगी और भरत को राज्य मिलेगा तो मैं प्रसन्न होऊँगी !
आप कैकेयी को बुरी कह देने में देर नहीं लगाते, मगर राम ने उसे बुरी क्यों नहीं कहा, अगर यह समझ लें तो आप का दुःख ही मिट जाय। जिस दिन संसार राम के इस कार्य
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