________________
॥ॐ नमः सिद्वेभ्यः ॥
SE
-
-
जैन वीरों का इतिहास
(एक झलक)
(१)
प्राक-कथन 'जैन वीरों का इतिहास' कितना कर्ण-प्रिय वाक्य है ! किन्तु जमाना इतना उच्छ.ह्वल हो चला है कि वह सहसा इस वाक्य के महत्व को जन साधारण के गले उतरने नहीं देता। अाजकल ऐसे ही लोग बहुतायत से मिलते हैं, जो जैन धर्म और जैनियों को भीरुता का आगार प्रकट करते हैं। हमें उनकी नासमझ बुद्धि पर तरस आता है! सच बात तो यह है कि ऐसे लोगों ने जैनधर्म और जैन-महापुरुषों के स्वरूप को ही नहीं पहचाना है । इस न पहचानने में सारा दोष हमारे इन पड़ोसी भाइयों का ही नहीं है, बल्कि स्वयं हम जैनियों का भी है। क्योंकि हम लोगों ने अभी तक वर्तमान के प्रचलित प्रचार-उपायों का वास्तविक उपयोग नहीं किया है। हमें Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com