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१४
१०
( १५ )
अशुद्ध
कादम्बंशी
कादम्ववंशी
प्रचारक
प्रचार
"जिस समय जैनों का केन्द्र था" यह वाक्य
काट दो ।
थो
बुजानन होटसल
श्रवणवेलम्भ
वीर- पूर्ण जैनों को राष्ट्र
इन
पुरण
लिये
रवार वेल
जरसय्या
जहां रणाङ्गण
उठान
भ्राण
अपने
भविष्यदा
श्रात्म गं. वाश्चित
काबिल
राजाश्रम
१२
८५
१४
८६
३
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
इस गप्प
पार्थिक
शुद्ध
थी
बुचानन
होयसल
श्रवणबेलगोल वीरता पूर्ण " जैनों का राष्ट्र"
इस
पुराण
लिये
खारवेल
जरसप्पा
जहां शत्रु रणाङ्गण
उठाना
धारणा
आपके
भविष्यदत्त
श्रात्मा को गौरवान्वित
कालिब
राजाश्रय
इरुगप्प
पार्थिव
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