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संयुक्त प्रान्त, गंगा यमुना की उपत्ययका धर्म भूमि है-आगरा और अवध के संयुक्त प्रान्त में ही प्रायः अधिकांश तीर्थङ्करों का जन्म एवं धर्मप्रचार हुआ है। एक समय यह प्रदेश धर्मायतनों से चमचमाता था। मौर्य, कुशन एवं गुप्त कालीन जिनप्रतिमायें इस प्रान्त में मथरा. अहिच्छेत्र, संकिशा (फर्रुखाबाद) और कौशाम्बी से उपलब्ध हुई हैं। संकिशा, कापित्थ और कम्पिला एक समय एक ही नगर के तीन भाग थे । संकिशा के विषय में चीनी यात्री फाह्यान ने लिखा है कि जैनी इसे अपना तीर्थ बताते थे, परन्तु बौद्धों ने उन्हें बाहर निकाल दिया था। संकिशा के निकट अघतियां के टीले से गुप्तकालीन जिनप्रतिमायें प्राप्त हुई हैं। यह संभवतः तेरहवें तीर्थङ्कर विमलनाथजी का केवलज्ञान स्थान है । संयुक्तप्रान्त में ऐसे भूले हुये तीर्थ कई हैं। कौशाम्बी, श्रावस्ती आदि तीर्थ आज भला दिये गये हैं इनका उद्धार होना आवश्यक है। प्रचलित तीर्थो की नामावली निम्नप्रकार हैं:
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वर्तमान नाम
रेलवे स्टेशन
नं० प्राचीन नाम १ मथुरा या मदुरा २ शौर्यपुर
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प्राकार निर्वाणक्षेत्र
,
मथुरा
मथुरा (B.B.C.I. या G.I. P.) शिकोहाबाद
E.I.B.
सूरीपुर बटेश्वर