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जैनरस्न (उत्तरार्द्ध)
राजीबाईसे हुआ । इनसे दो सन्तान हुई । एक पुत्र और एक कन्या । पुत्र प्रेमजी और कन्या वेलबाई । वेलबाई का ब्याह जखू हरसीके साथ हुआ था। उनका अब देहान्त हो गया। बाई विधवा है।
दूसरा ब्याह श्रीमती उमरबाईके साथ हुआ था। इनसे पाँच सन्तान हुई थीं। तीन पुत्र और दो कन्याएँ वे निम्न लिखित हैं।
(१) शिवनीमाई-इनका जन्म सं० १९६१ में हुआ। ब्याह ३ रा श्रीमती मणिबाईके साथ हुआ। इनके एक पुत्र चिमनलाल और एक कन्या रेवतीबाई हैं ।
(२) मवानजीभाई-इनका जन्म सं० १९६४ में हुआ था। ब्याह श्रीमती सुंदरबाईके साथ हुआ था । इनके सुशीला नामकी एक पुत्री है।
(३) गांगनीमाई-इनका जन्म सं० १९६७ में हुआ था। ब्याह श्रीमती केसरबाईके साथ हुआ था। इनके नेमजी और जयंतीलाल नामके दो पुत्र हैं।
(४) तेजबाई-इनका ब्याह नप्पू नेणसीकी फर्मके मालिक सेठ वेलनी लखमसीके साथ हुआ था। बाईका अब देहान्त हो गया है । कच्छी वीसा ओसवालों में कोई भी बंबईमें लम नहीं करता था। सभी कच्छमें जाकर लम करते थे। देवजी सेठने और लखमसी सेठने मिलकर यह रिवाज तोड़ा और बंबईमें
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