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________________ जैनरत्न ( उत्तरार्द्ध ) ५००० ) कच्छी वीसा ओसवाल केळवणी फंड बंबई में । १५०००) कांदावाडी बेवईके स्थानक फंडमें । ३०००० ) माटुँगे में लखमसी नप्पू हॉल बनवाया इस तरह एक लाख सैंतीस हजारका दान एक मुश्त बड़ी बड़ी रकमोंमें दिया । वैसे हजार, पांच सौ या सौ सौ करके दोनों भाई प्रति वर्ष अनेक संस्थाओं को देते हैं। मालूम हुआ | कि इस तरहकी रकम सालाना आठ दस हजार तक हो जाती है । अब तक इन्होंने जितना दान दिया सब अपने छोटे भाई जादवजी सेठकी सलाह लेकर ही दिया । दोनों भाइयों में 要 इतना प्रेम है कि इनको राम लक्ष्मणकी उपमा दी जाती है । बेलनी सेठ माटुंगा रेसिडेंट्स एसोसिएशनके, हिन्दु सभा माटुंगा, और महँगा युथ लीग के प्रमुख रहे हैं और एक दोके संभवतः अब भी हैं । बंबई बायकॉट कमिटीकी एडवाइ जरी कमेटीके भी ये मभ्य मध्य हैं । कांग्रेस और महात्मा गांधी के ये बड़े भक्त हैं । इसका प्रमाण इनके तिलक - फंडमें दिये हुए पचास हजार रुपये तो हैं हीं, मगर इनका वर्किंग कमेटीमें मेम्बर होना सबसे बड़ा प्रमाण है । जिस समय वर्किंग कमेटीको गवर्नमेंटने गैरकानूनी ठहराया है और कमेटीके मेम्बरोंको पकड़ पकड़कर जेलमें भेज रही है उस समय इनका वर्किंग कमेटीमें दाखिल होना बड़े साहस और त्यागका काम है । इस समय ' ऑल इंडिया Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com १०
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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