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________________ ६ जैनरत्न ( उत्तरार्द्ध ) १ - नप्पू नेणसीकी कंपनी. २ - बेलजी लखमसीकी कंपनी. ३ - जादवजी लखमसीकी कंपनी । यह दुकान इनके छोटे भाईके नामसे इन दोनों भाइयोंने मिलकर प्रारंभ की है। दो दुकानोंमें अनाज और चावलका धंधा होता है । करीब एक करोड रुपये सालानाकी दुकानोंमें उथलपाथल होती है । तीसरी दुकान में इन्स्योरेंस एजेंसीका धंधा होता है । ये नीचे लिखी बीमा कंपनियोंके डिरेक्टर भी हैं। १ - बल्कन इन्स्योरेंस कंपनी फोर्ट बंबई । २ - इण्डस्ट्रिअल एण्ड प्रुडेन्शिअल इन्स्योरेंस कंपनी फोर्ट । वेलनी सेठ केवल सेठ ही नहीं हैं। ये प्रजाके सेवक भी हैं । इनकी सेवाएँ इतनी उत्तम हैं कि प्रजाने उनसे प्रसन्न हो । कर इन्हें अनेक जवाबदारीके काम सौंपे हैं ये हैं । उनमें से कुछ १ - बंबई पांजरापोलके ये ट्रस्टी हैं । यह संस्था बंबई में माधवबाग के पीछे है। इसकी आय करीब तीन लाख रुपये सालाना है । २ - सर जमशेदजी जीजीभाई धर्मशाला के ये ट्रस्टी हैं। यह संस्था भायखाला पर है । इसमें पचास हजार रुपये सालानाका सदाव्रत बँटता है । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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