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जैनरत्न ( उत्तरार्द्ध)
इनके दो सन्तान हुई थीं। एक लड़का और एक लड़की। लड़के का नाम लखमसी माई और लड़कीका नाम नीबाई था । नप्पू सेठका देहान्त सं० १९३३ में हुआ था।
लखमसी सेठ नप्प सेठके पुत्र जखमसी सेठका जन्म संवत् १९०३ में हुआ था। इन्होंने तीन लग्न किये थे। तीसरे लग्न सं० १९४० में खेतसी गोबरकी पुत्री श्रीमती वेलबाईके साथ हुए थे । इनसे ३ पुत्र और चार पुत्रियोंका जन्म हुआ था। पुत्रोंके नाम १ खीमनीमाई २ वेलनीमाई और ३ जादवनीमाई तथा पुत्रियोंके नाम १ देवकांबाई २ देमुबाई ३ चंपाबाई ४ रतनबाई हैं। ____ लखमसी सेठ बड़े ही बाहोश और उदार आदमी थे। इन्होंने अपने पिताके शुरू किये हुए धंधेको बढ़ाया । इतना ही नहीं 'वेलजी लखमसी एण्ड कंपनी ' के नामसे एक नई पेढी भी प्रारंभ की। ___ इन्होंने अपनी उम्रमें करीब आठ लाखकी जायदाद बनाई
और पौन राख जितनी रकम जुदा जुदा स्थानोंमें धर्मार्थ खर्च की। इनका देहांत सं० १९७० में हुभा । लखमसी सेठकी संतान.
१-खीमजीभाई-इनका देहांत बचपनहीमें हो गया ।
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