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________________ श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन १५ सनातन जैनके दो बरस उपसंपादक रहे । १६ जैन श्वेतांबर कॉन्फरंस पत्रके ७ बरस तक संपादक रहे । १७ जैनयुग मासिक पत्रके ५ बरस तक संपादक रहे । १८ जनयुग पाक्षिकपत्रकं अभी सम्पादक हैं । १९ रॉयल एशियाटिक सोसायटीक लिए प्रोफेसर वेलिन्करने प्राचीन हस्तलिखित पुस्तकोंकी सूची बनाई थी उसमें उनको मदद की। नीचे लिखी सभाओंके मेम्बर हैं. १ जैनश्वेतांबर कॉन्फरंसकी स्टेंडिंग कमेटीक । २ श्रीमहावीर जैनविद्यालय बंबईकी मॅनेजिंग कमेटीके । ३ जैन एज्युकेशनल बोर्ड बंबईके आजीवन सभ्य । ४ श्री मांगरोल जैनसभाकी मॅनेजिंग कमेटीके । ५ नागरी प्रचारिणी सभाके । ६ जैनधर्म प्रसारक सभा भावनगरके आजीवन सम्य । ७ जैन आत्मानंद सभा भावनगरके आजीवन सभ्य । सन १९२६ के दिसंबर महीनमें दक्षिण प्रांतिक महाराष्ट्र जैन श्वेतांबर कॉन्फरेंस-जो कोल्हापुरमें हुई थी-के प्रमुख हुए । ये १८ बरससे महावीर जैनविद्यालय बंबईको प्रतिवर्ष ५१) रु. देते आ रहे हैं। इंग्लिश जैनगजटको १००) दिये। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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