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________________ श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन wwwwwwwwwwwwwwwww सेठ चाँदनमलजीका जन्म सं० १९०३ म हुआ था और इनका ब्याह श्रीयुत सरूपचंदी कोचरकी कन्या श्रीमती मीबाईके साथ सं० १९१८ में हुआ था । इनके छः मन्तोन हुई । चार पुत्र और दो कन्याएं । पुत्र-मूलचंद्रजी, सोभागमली, पूनमचंदजी, और दीपकचंदर्जा । कन्याएँ-लाबाई और धनबाई । । मूलचंदजो-इनका जन्म सं० १९२७ में और ब्याह श्रीमती जडावबाईके साथ हुआ था। इनके एक कन्या लक्ष्मीबाई है । सोभागमलजीके पुत्र कनकमलजीको इन्होंने गोद लिया है। २ सोभागमलजी इनका जन्म सं० १९३८ म और ब्याह सं० १९५१ म श्रीमती वीरांवाईके साथ हुआ था। इनके ३ पुत्र और तीन पुत्रियाँ हुई । पुत्र कनकमल, संपतलाल और अनूपचंद । पुत्रियाँ अनूपबाई, सोनबाई और हुलासबाई हैं । इनमेंसे अनूपचंदका देहांत हो गया है ! यह लड़का बड़ा ही होनहार था। ३ पूनमचंद्रजी-इनका जन्म सं० १९४३ में और पहला ब्याह सं० १९५७ में हुआ था और दूसरा ब्याह सं० १९६७ में श्रीमती सुंदरबाई के साथ हुआ था । इनके दो पुत्र गुलाबचंद और सुगनचंद्र हैं। ४ दीपचंद्रजो-इनका जन्म सं० १९४७ में ओर ब्याह सं० १९६१ में श्रीमती केसरवाई के साथ हुआ था । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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