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जैनरत्न ( उत्तरार्द्ध ) आपका स्वभाव शांत और परोपकारमय है ।
आपके ३ पुत्र और ३ पुत्रियाँ हैं । ज्येष्ठ पुत्र श्रीशांतिलाल मकनजी बी. ए. एलएल. बी., एडवोकेट हैं। दूसरे श्री भोगीलाल बी. ए. हैं । कुमारी पुष्पा बहन प्रीवीयसका अभ्यास करती हैं ।
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सेठ रामचंदजी चांदनमलजी
सेठ रामचंदी मूल फलोदी ( मारवाड़) के निवासी थे । जाति वीसा ओसवाल गोलेछा गोत्र और श्वेतांबर जैन थे । ___ इनके पाँच पुत्र थे । ? कल्याणमलर्जा २ इन्द्रचंद्रनी ३ अमोलकचंद्रजी ४ सरदारमलनी ओर ५ चाँदनमलजी ।
श्रीयुत कल्याणमलर्जा और इन्द्रचंद्रजी प्रारंभमें बराडमें आये । इन्होंने कारंजा ( बराड ) में इन्द्रचंद्र जेठमलके नाम धंधा प्रारंभ किया। पीछेसे दूसरे तीन भाई भी आ गये और सब साथ ही कामकाज करने लगे । कुछ वर्षों के बाद बड़े चारों भाइयोंने अपने हिस्से निकाल लिए । दुकान सेठ चाँदनमलजीके पास रही। चाँदनमलर्जीने परिश्रम करके दुकान उन्नत बनाई। सं० १९४५ में उन्होंने इस दुकानका नाम बदल कर 'रामचंद चाँदनमल' रक्खा ।
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