SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 730
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ~ ~ ~ ~. श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन ८३ कॉन्फरंसके आप प्रमुख थे । श्वेतांबर, दिगंबर संप्रदायोंका संगठन आदि कार्य करनेके लिए “All India Jain Assosiation" के आप प्रमुख हैं। श्वेतांबर मूर्ति० कॉन्फरंसकी कार्यकारिणी समिति के आप उप प्रमुख (सन् १९३० से १९३४ तक) रहे। महावीर जैन विद्यालय स्टुडन्ट युनियनके भी आप प्रमुख रहे। बम्बई युनिवर्सिटी सीनेटके फेलो आप १९२९ से १९३३ तक रहे । बम्बई हाईकोर्टकी बार काउन्सिल (Bar Council) के आप एक सभासद हैं । जैनोंकी तो लगभग सभी संस्थाओं में आपका सहयोग है। सेवा आपका परम ध्येय है। जैनसमाजमें, तीर्थ रक्षण आदि के जब भी प्रसंग उपस्थित हुए हैं आपने अपना पूर्ण सहयोग दे उन कार्योंके लिए यश प्राप्त किया है। श्री केशरियानाथजी जैन तीर्थके लिए भी आपने श्वेतांबर जैनसमाजकी ओरसं इस प्रकरणकी वकफियत हामिल कर एक मेमोरियल तैयार कर, जैन कॉन्फरसकी तरफसे उदयपुर नरेशको भेजा । स्वयं केशरियाजी जाकर सर्व वृतांत जाना । श्वेतांबर जैनसमाजके शायद ही कोई महत्वपूर्ण कार्य आपके बिना सहयोगके हुए होंगे। आप हमेशा ऐसे कार्य अत्यंत उत्साह और दक्षतासे करते रहे हैं । जैन कॉन्फरंसके इतिहासमें तो आपकी सेवाए स्वर्णाक्षरोंसे लिखी गई हैं। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy