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________________ श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन rrrronavamwwwnnnnn स्थापित की। उस कमेटीका नाम युद्ध समिति (war council) प्रसिद्ध हुआ। बंबई में गवर्नमेंटने इस समितिको गैरकानूनी ठहराया । उसके अंदर कार्य करनेवालोंको गवर्नमेंट पकड़ पकड़ कर सना देने लगी। तेरह समितियों के प्रमुख और मेम्बर गिरफ्तार हो गये इसके बाद चौदहवीं युद्ध समितिका संगठन ( formation ) हुआ उसमें वीरचंदभाई प्रमुख चुने गये । जैन समाजके लिए यह गौरवकी बात थी कि उसका एक सुप्त वह सम्मान प्राप्त कर सका जो सम्मान महान देशके नेताओंको ही मिल सकता है। इसके लिए जैन समाजने और व्यापारी समाजने इनका अच्छा आदर किया। इनको जिन संस्थाओं ने पब्लिक मीटिंग कर सम्मान दिया उनके नाम नीचे दिये जाते हैं। १-सराफ महाजन एसोसिएशन-इसने जो सभाकी उसके प्रमुख श्रीयुत हीराचंद वनेचंद देसाई थे। २-गोकुलमाई मूलचंद जैन होस्टलके विद्यार्थियोंने इनको मानपत्र दिया। ३-जैन घोघारी संघ काठियावाड-इसने जो समा की उसके प्रमुरू श्रीयुत मोतीचंद गिरधर कापडिया सॉलिसिटर थे। इन्हों ने वीरचंदभाईके लिए कहा था:-" वीरचंदभाई वार काउन्सिलके प्रमुख चुने गये यह बात अपने लिए आनंदकी है। आज . वीर चंदभाईका दर्जा बंबईमें राजाके समान है । ये आज बंबईके Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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