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________________ जैनरत्न ( उत्तरार्द्ध ) मैसूर राज्यमें एक मँगिनीजकी खान है। उसका नाम केशापुरकी खान है । उसके लिए वहाँ एक प्रार्थना मंदिर अपने खर्च से बनवाया और खान के मजूरोंसे मद्य मांसका त्याग कराया । 'ओरीअंटल केनेरी कंपनी ' ओनवर ( दक्षिण बेलगाम ) में हैं जो फल सुरक्षित रखनेका ( fruit cannig ) उद्योग करती है । इसके में गोपल्प ( आमका रस ) के ये सोल एजंट हैं । यह काम विशेष लाभदायक न होने पर भी हिन्दुस्थानी उद्योगको सफल बनाने के लिए इन्होंने यह एजेंसी ली है । सामाजिक और सार्वजनिक काममें इनका बहुत बड़ा भाग है । ७० श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन कॉन्फरेंस के आधीन एक 'जैन एज्युकेशन ' बौर्ड है । उसके ये मंत्री हैं । । श्री सिद्धक्षेत्र जैनबालाश्रम पालीतानेके ये मंत्री हैं । बंबईकी गोहिलवाड दशाश्रीमाली ज्ञातिके दवाखानेके ये मंत्री हैं । ब्रिटिश इंडिया कॉलोनियल मर्चेंटस ( Merohants ) नामकी व्यापारी संस्था के भी ये मंत्री हैं । बंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के ये सन् १९२६ से १९२९ तक मेम्बर रहे हैं । सन् १९३० में देश में कांग्रेसने सत्याग्रह आरंभ किया । बंबई में, बंबई प्रांतिक कांग्रेस कमेटीने भी एक सत्याग्रह कमेटी Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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