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श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन
लड़कियाँ हुई । उनकी बड़ी लड़की पूरबाईके लग्न कच्छ साहेरावाले सेठ मेघनी खेतसीके सुपुत्र शिवजीके साथ सं० १९६१ में हुए । दो बरसके बाद इस बाईका देहांत हो गया।
हीरजीमाईके लड़के नरसीमाई मौजूद हैं। दूसरे सभी बालक गुजर गये हैं। नरसीभाईके पहले लग्न कच्छ जखऊवाले सा. नेणसी वसाइया मारवाड़ीकी लड़की वेजबाईके साथ सं० १९६८ में हुए थे। उनके एक लड़का हुआ । उसका नाम जेठामाई रक्खा । वह इस समय तेरह बरसका है।
___ वेनबाई सं० १९७३ में गुजरी । नरसीमाईके दूसरे लग्न सं० १९७४ के वैशाखमें कच्छ सुथरीवाले हीरजी खेतसीकी लड़की लीलबाई ( चंदनबाई ) के साथ हुए। उनके दो लड़के हुए। एक गुजर गया। दूसरेका नाम मोतीचंद ( माणिकनी ) रक्खा गया। वह इस समय नौ बरसका है।
सं० १९७७ में लीलबाई गुजर गई । नरसीमाईके तीसरे लग्न कच्छ जखऊ वाले सेठ टोकरसी कानजीकी लड़की दीमुबाईके साथ सं० १९७८ में हुए । बाई सं० १९८१ में गुजर गई। नरसीभाईके चौथे लग्न कच्छ जखऊवाले सेठ नरपार बसाइया मारवाडीकी लड़की चांपूबाईके साथ सं० १९८२ में हुए । उसके एक लड़की हुई । उसका नाम जयंती रक्खा । वह दो बरसकी है।
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