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अर्थात् गौतम बुधके मरण पीछे श्रीमहावीर - स्वामी १६ वर्ष तक केवलज्ञानी विचरे थे तिनके उपदेश कितनेक बौद्ध राजायोंने जैन धर्म अंगीकार करा, इस वास्ते कितनेक राजायोंका नाम दोनो मतो में लिखा मालुम होता है.
प्र. ७८- क्या महावीर स्वामीसें पहिलां भरतखंग में जैनधर्म नही था ?
न. - श्रीमहावीर स्वामीसें पहिलां नरतखंग में जैनधर्म बहुत कालसें चला आता था, जिस समय में गौतम बुधने बुध होनेका दावा करा, और अपना धर्म चलाया था, तिस समयमें श्री पार्श्वनाथ २३ मे तीर्थकरका शासन चला था, तिनके केशी कुमार नामें आचार्य पांचसो ५०० साधुयों के साथ विचरते थे, और केशी कुमारजी गृहवासमें उज्जयिनिका राजा जयसेन धौर तिसकी पट्टराणी अनंगसुंदरी नामा तिनके पुत्र थे, विदेशि नामा आचार्य के पास कुमार बह्मचारीने दीक्षा लीनो, इस वास्ते केशी कुमार कहे जाते है, श्री पार्श्वनाथके बने शिष्य श्री शु
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