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पान रहित २३ अन्नक्ष्य नक्षण रहित २४ अगम्य गमन रहित २५ करुणा समुड़ २६ सूर २७ वीर २८ धीर २० अन्य ३० परनिंदा रहित ३१ अपनी स्तुति न करे ३२ जो कोइ तिनके साथ विरोध करे तिसकोंनी तारनेकी इछावाले ३३ इत्यादि अनंत गुण तीर्थंकर भगवंतो मे है सो कोइजी शक्तिमान नही है जो सर्व गुण कह सके और लिख सके.
प्र. ५ - जैन मतमें जे क्षेत्र मादविदेहादिकहै तहां इहांका को मनुष्य जा सक्ता है कि नही. न. - नही जा सकता है क्योंकी रस्तेमें बर्फ पाणी जम गया है और बने बने ऊंचे पर्वत रस्ते है बी बी नदीयों और नऊ जंगल रस्ते
अन्य बहुत विघ्नहै इस वास्ते नदी जासक्ता है. प्र. ६ - भरत क्षेत्र कोनसा है और कितना लांबा चौका है.
न. - जिसमें हम रहते है यही भरतख है इसकी चौमा दक्षिणसे उत्तर तक ५२६० किंचित् अधिक नत्से गुलके हिसाबसें कोस होते है
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