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वे, अज्ञान तप करे, और अत्यंत क्रोधी होवे तो, परमाधार्मिकका आयु बांधे. इति देवायुके बंधहे. तु. यह आयु कर्म हमिके बंधन समान है. इसके नदयसे चारों गतके जीव जीवते है, और जब आयु पूर्म होजाता है तब कोश्नी तिसकों नही जोवा सक्ता है, जेकर आयुकर्म विना जोव जीवे तो मतधारोयोके अवतार पैगंबर क्यों मरते १ जितनी आयु पूर्व जन्ममें जीव बांधके आया है तिलसे एक क्षण मात्रन्नो को अधिक नही जीव सक्ता है, और न किसीको जीवा सक्ता है. मतधारो जो कहते है हमारे अवतारादिकने अमुक अमुककों फिर जीवता करा, यह वाते महा मि थ्याहै, क्योंकि जेकर ननमें ऐसी शक्ति होतीतो आप क्यों मर गये. १ सदा क्यों न जीते रहे १ ईशा महम्मदादि जेकर आज तक जीते रहतेतो हम जानते ये सच्चे परमेश्वरकी तर्फसें नपदेश क रने आये है. हम सब उनके मतमें हो जाते, मत धारीयोकों मेहनत न करनी पमतो, जब साधारण मनुष्योके समान मर गये तब क्योंकर शक्तिमान
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