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आशीविष लब्धि कहतेहै.
केबल लही १२-जिस मनुष्यकों केवल ज्ञान होवे, तिसकों केवलि नामे सब्धिहै.
___ गणहर लो १३-जिससे अंतर मुहर्नमें चौदह पूर्व गूंथे और गणधर पदवी पामें, तिसको गणधर लब्धि कहतेहै.
पुव्वधर लद्धी १५-जिससे चौदहपूर्व दश पूर्वादि पूर्वका ज्ञान होवे, सो पूर्वधर लब्धि..
अरहंत लही १५-जिससे तीर्थंकर पद पावे, सो अरिहंत लब्धि.
चक्कवट्टि लही १६-चक्रवर्तीकों चक्रवर्ती लब्धि .
बलदेव लद्धी १७-बलदेवकों वलदैव लब्धि.
वासुदेव लद्धी १०-वासुदेवकों वासुदेवकी लब्धि
___ खीरमहुसप्पिासव लद्धी १ए-जिसके वचनमें ऐसी शक्तिहै कि तिसकी वाणि सुणके श्रोता ऐसा तृप्त हो जावेके मानु दूध, घृत, शा. कर, मिसरीके खानेसे तृप्त हुआहै, तिसकों खीर
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