________________
(25)
| लग्न देख कर ताक में रखदो की डा कांटा लगनेसे सांप की काचली उसमें रखदो और परमेश्वर से तुमभी और हमभीप्रार्थना करें कि हेसन्स्वरू पसनविद्या प्रकाशक तू हमारे आर्यावर्त देशमें फिर ऐसे बिहान सत्य बादी चार बेदों का ज्ञाता जैसा शरीर श्री मद्दयानन्द सरस्वती स्वामी का प्र घट कियाथा कर जो इन झूठे ग्रन्थों को स्वाहा करदे और हमारे राजा की भी ऐसी नीति प्रचलित कर कि जो ऐसे जाली ग्रन्थ छापे वा रखे या ऐसे धो के से किसी का धन हरे उसको दरयाय शोरके दर्शन कराये
(प्रश्न ) मला विवाह भी मुफाना चाहिये यान हीं यह काम बिना जोतिष कैसे चलेगा (उत्तर)
विवाहना अवश्य सुकाना चाहिये और कामकी सूज पीछे परन्तु बिवाह की सूम पहले करनी चाहिये पर बिवादके सुमाने वाले विद्वान होने चाहियें विवाहकी सूफ वेदोंमें लिखी है जो कोई वेिदनहीं पद्मक्ता वह मनुस्मृति से सुगाले जो उसको भी नहीं पढ़ सका वह श्री स्वामी दया नन्दसरस्वती जी महाराज के बनाये हुये ग्रन्थ
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com