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आदि की हिंसा बन्द करवाई, मृत्यु प्राप्त का धन लेना बन्द कर दिया बादशाह ने शिकार खेलना और मांसाहार करना बन्द कर दिया, जैन तीर्थ, जैन मन्दिर हिन्दू तीर्थ और हिन्दू मन्दिरों की भी रक्षा कराई।
पूज्य जगद् गुरूजी महाराज और आपके प्रतापी एवं विद्वान शिष्य प्रशिष्यों के उपदेश से सम्राट अकवर ने छै महिने तक भारत में अहिंसा पलवाई थी इनके दिन इस मुताबिक है । “पर्युषणा पर्व में बारह दिन, वर्षभरके सर्व रविवार, सोफियान दिन, ईद के दिन, संक्रान्ति की सब तिथिये, जिसमासमें सम्राट अकबरका जन्महुवाथा वहपूरामहीना, मिहिर के दिन, नवरोज के दिन, सम्राट अकबर के तीनों पुत्र के जन्म जिस जिस दिन में और जिस जिस महीने में हुवा था वह सब ( तीन ) महीने, रजब (मोहरंम) के दिन, इसी तरह कुल छे हिने और छ दिनों में अहिंसा पलवाई थी। (जै० सा० सं० इ० पृष्ट ५४६) धन्य है प्रतापी जगद् गुरू सूरिजी को श्रापके प्रताप से एक मुसलमान सम्राट ने अहिंसाधर्म का पालन एवं स्वीकार कर अपनी प्रात्मा का और समस्त भारत का कल्याण किया। ___ जैन ग्रंथकारों ने जगद्गुरु के उपदेश से सम्राट ने जो छै महिने अहिंसा पलवाई थी इनके उल्लेख किये हैं, किन्तु एक कट्टर मुस्लिम लेखक जो कि उसी समय सम्राट अकबर
की सभा में विद्यमान था वह अलबदाउनी भी लिखता है कि Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com