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प्रकाशकका निवेदन
हिन्दु संसार में हिमालय को भिन्नभिन्न पुस्तिकायें प्रकाशित हो चुकी हैं मगर मुनिराजश्री प्रियंकरविजयजीकत यह "हिमालय दिग्दर्शन" नामक पुस्तिका हिन्दु संसार में अग्रस्थान लेनेका सौभाग्य प्राप्त कर चुकी है, क्योंकि इनकी रचना ही ऐसी है किसीको असुविधाका कारण नहीं है. प्रियंकरविनयनोने हिंद भरमें स्थल स्थल पर विहार किया है और उसने इस पुस्तिका में अपने अनुभवका अच्छा चितार दिया है। इसीसे उत्साहित होकर हमने इस पुस्तिकाको प्रकाशित किया है। आशा है कि सहृदय पाठकगण इसे अपनाकर हमे अनुगृहित करेगें। ___ श्रीयुत शेठ देवचंदभाई दामजी मेनेजर आनंदप्रेस भावनगरने इस पुस्तकके छोपनेमें तथा अन्य प्रकारसे भी हमें जो सहायता पहुंचाई है इसके लिए हम उनके आभारी है ।
-प्रकाशक
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