________________
घंटाकणे- -कल्प
[ ३५
और उन सर्व कोठों के ऊपर गोलाकार लकीर खेंच कर उसमें गोलाकार ही एकसो पैंतीस अक्षर का मंत्र ॐ घंटाकर्ण महावीर आदि लिखना, इस तरह का यंत्र चांदी के, सोने के, तांबे के पतडे पर या भोजपत्र, कपडा और कागज पर लिख सकते हैं, और यंत्र को अष्टगंध से ही लिखना चाहिये । बाद में मंत्रित कर दही, दूध, घृत, शक्कर, शहद, दाख, खारक, खोपरा, बादाम, चारोली इस तरह दश वस्तु को मिश्रित कर हवन करना जिससे यंत्र सिद्ध होगा और यंत्र को पास में रखना या जनता के लिए अथवा गांव के लिये खास उपद्रव हटाने के लिये हो तो टोकर में बांध गांव के मध्य में लटका देने से भय दूर होगा, तमाम भय मिटेगा, सुख की वृद्धि होगी, सौभाग्य बढेगा और यश कीर्ति फैलेगी ।
॥ राज भय हरण ॥
किसी के ऊपर आपत्ति आ गई हो तो इस मंत्र का जाप करे और पहले बताये हुवे बयान सहित ध्यान शुरु करे तब लाल रंग के वस्त्र पहिनना, लाल आसन, लाल पाटला, पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके बैठना और लाल कनेर के पुष्प से दश हजार जाप करना, पुष्प घंटाकर्ण यंत्र पर या चित्र पर चढाता जाय और दश हजार गुग्गल
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com