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घंटाका कम्प
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क्रिया के बाद घडे के गल डोग बिला) बांधना, वाद में घंटाकर्ण मंत्र पढते जाना और मान भांति के पत्ते उसके ऊपर बांधना और फिर चांवल की मांडली बदाका उमकं ऊपर सात बार कलश को पार कर मांडली पर रख देना, दीपक चार वत्ती का बना, धूप अखंड चलता रहे, ऐसी योजना करना । फिर घंटाकर्ण मंत्र का जाप करना जाय
और साथ ही वादाम की गिरी, दास. खारक, चारोली, पिश्ता, जब, तिल, उडद, शहद, शक्कर,अधीर, चावल
और घृत मिश्रण कर हवन करता जाय क्रिया सम्पूर्ण होने पर अबोले कलश को लेकर घुटने प्रमाण पानी में रख आवे, इस तरह सात दिन तक करे और साथ ही सातों दिन की क्रिया में गली के रंग का डोरा जिसको नीला डोरा भी कहते हैं मंत्रित करते जाना उस डोरे को सातवें दिन स्त्री को स्नान करा के शुद्ध वस्त्र पहिने बाद डोरा गले में बांध देना जिससे कंख चलने लगेगी और सौभाग्य बढता जायगा पुत्र प्राप्ति होगी ।
॥मृतवच्छा उपाय ॥ — मृतवच्छा का यह मतलब है कि किसी के बालक होकर जीवित नहीं रहता हो और अल्प आयु में ही मृत्यु हो जाती हो उसे मृतवच्छा दोष कहते हैं, जिसका निवारण
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