________________
घंटाकर्ण-कल्प
॥ पुरुष भय हर ॥ बहुधा देखा जाता है कि तामसी प्रकृति वाले और मलीन मन के लोग दूसरे को पीडा पहुँचा कर आनन्द मानते हैं, और इस तरह के मनुप्य माधारण समुदाय के, बडे आदमी के, धनवान के, और राजकीय पुरुषों के पीछे लगजाते हैं, इस तरह व्यक्तिगत वैरी खडे हो गये हों और विविध प्रकार से यातना पहुँचाते हों तो घंटाकर्ण देव का जाप ज्यादे से ज्यादे बयालीस दिन में तेतीस हजार जाप पूग करना चाहिये, और सम्पूर्ण होने के बाद शुभ मुहूर्त देख उत्तर क्रिया करे जिसमें दूध, दही, घृत, केसर और गुग्गल को मिलाकर हवन करे सामने सिद्ध पुरुष की जगह पुरूपाकार यंत्र की स्थापना करे जिससे भय नष्ट हो जायगा और चैरी का पराजय होगा।
॥ लक्ष्मी प्राप्ति ॥ लक्ष्मी प्राप्ति के लिये घंटाकर्ण का सवा लाख जाप करना चाहिये इस कार्य के लिये दिन की मर्यादा नहीं है, परन्तु जाप नियमित कर पूरा कर लेवे, और सम्पूर्ण होने बाद शुभ मुहूर्त देख उत्तर क्रिया करे हवन में बादाम, पिरता, दाख, चारोली, कपूर, केसर, घृत, शकर और
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com