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सरस्वती ग्रंथमाला के स्थायी ग्राहक नहीं हुए हैं तो कहना होगाकिआप अपूर्व अवसर खो रहे हैं। प्रत्येक पुस्तककी भाषा सरल और सबके समझने योग्य होती है। अबतक निम्नलिखित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं:
१ विवेक विलास, आचारः परमो धर्मः का पढ़ाने वाली अपूर्व पुस्तक है । मूल्य २॥
२ राष्ट्रभाषा-हिन्दी, हिन्दी भाषा के विरोधियों की दलीलों का मुँह तोड़ उत्तर दिया गया है । मूल्य ।
३ सुधार, सुधारके प्रथम अंग समाज सुधार पर स्वतन्त्र रूपसे लिखी गई हिन्दी में यह सबसे पहली पुस्तक है । मू.॥
४ किन्नरी, यह एक खेलने योग्य नाटक है। मूल्य २
५ कल्याणी, यह एक सामाजिक उपन्यास है। उपन्यास पठनीय है । मूल्य २॥
६ बैकिंग और करन्सी, व्यापार विषयक एक महत्व पूर्ण ग्रंथ है। मूल्य ४
७ स्त्रिया की स्वतन्त्रता, मूल्य १
एक पैसे के पोस्टकार्ड द्वारा स्थायी ग्राहक बनने की सूचना दे देने से ग्रंथमाला के सब ग्रंथ उनकी सेवा में पौन मूल्य में भेज दिए जाएंगे और आगे भी सब ग्रंथ उन्हें तीन चौथाई मूल्य में मिलेंगे । पता:
मैनेजर, सरस्वती ग्रंथमाला-बेलनगंज, आगरा.
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