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समर्पण
eGo श्रीमन्मान्यवर ज्येष्ठसहोदर भाईसाहब अमरचन्द्रजी ! तथा मोहनलालजी!
आप साहबों का उदारभाव धर्मानुराग गुरुभक्ति तथा भ्रातृवात्सल्य वगैरह अनेक अनुकरणीय गुणोंसे आकर्षित हुआ मैं आपश्री की सेवा में इस पुस्तकके समर्पनेकी रजा लेता .
आप का फूलचंद
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