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लड़के पर बहुत प्यार था ।) स्त्रीने कहा-“ स्कूलमें गया है।" लड़का बारह बजे तक नहीं आया, इसलिए बूढा स्कूल में गया । वहाँ खोज करनेसे मालूम हुआ कि, दो दिनसे अमृतलाल स्कूलमें नहीं गया था । यह सुन बूढेका हृदय भयके मारे काँप उठा । घर आकर उसने फिर पूछा, तो उस दुष्टाने कहा" छोकरा आवारा है, न मालूम कहीं भटकता होगा।" कर्मयोगसे बूढा लड़केके सोनेके कमरेमें गया। वहाँ उसने लोहके छींटे पड़े देखे और जमीन लीपी हुई देखी । यहाँ लोहू कैसा ? यहाँ लीपा गया किसलिए ? इत्यादि कल्पना उसके तड़पते हुए हृदयमें उठने लगी। उसने स्त्रीको पूछा । उसने उत्तर दियाः" बिल्लीने चूहेको मारा था इस लिए लीपा था । कहीं लोहूके छींटे रहगये होंगे।"
__ लड़केकी चिन्तामें बूढ़ा पागलसा हो गया। पड़ौसियोंसे पूछताछ करने पर उन्होंने कहा कि-" परसों रातके दस बजे हमने अमृतलालके ऐसे शब्द सुने थे जिससे ज्ञात होता था कि, वह किसी भीषण दुःखसे पीडित हो रहा था।"
बस बूढेकी शंका दृढ हुई । अररर ! यह सगी माँ है तो भी इसके मुँहपर उदासीनता नहीं है । खोज नहीं करती। आखिरको बूढ़ेने पुलीसमें सूचना दी। पुलिसने जाँच शुरू की । स्त्रीके कपड़ोमें खूनके छींटे दिखाई दिये । जब पुलिसने धमकी
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