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स्थिति केवल सापेक्ष धर्म है।" : प्रकुति ऐसी है कि किसी भी ग्रह पिण्ड की वास्तविक गति किसी भी प्रयोग द्वारा निश्चित रूप से नहीं बताई जा सकती।" सूर्य की अपेक्षा पृथ्वी चलती है या पृथ्वी की अपेक्षा में सूर्य चलता है इस विषय में सापेक्षवाद' का स्पष्ट मन्तव्य है कि “सौर जमत् (Solar System) के ग्रहों का सापेक्ष भ्रमण पुराने तरीके से भी समझाया जा सकता है और कोपरनिकस के सिद्धान्त से भी दोनों ही ठीक हैं और गति का ठीक-ठीक वर्णन देते हैं । किन्तु कोपरनिकस का मत सरलतम है । एक स्थिर पृथ्वी के चारों ओर सूर्य और चन्द्रमा प्रायः गोल कक्षा पर भ्रमण करते हैं, परन्तु सूर्य के नक्षत्रों और उपग्रहों के पथ अटिल गुघरीली रेखाएं हैं जो मस्तिष्क के लिये श्रमग्राह्य हैं और गणना में जिसका हिसाब बड़ी अड़चन पैदा करता हैं जक कि एक स्थिर सूर्य के चारों ओर महत्वपूर्ण पथ प्रायः वृत्ताकार
2. Nature is such that it is impossible to derermine absolute by any experiment whatever.
- Mysterious Universe. 3), 78, 3. The relative motion of the members of the solar system may be "explained on the older geocentic mode and on the other introduced by Copernicus Both are
legitimate and give a correct description of the motion but Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com