________________ लेखक महोदयके दूसरे ग्रन्थ 1 स्वामी समन्तभद्र (इतिहासका महान ग्रंथ) पृष्ठ२८०, 11) 1) 12 जिन-पूजाधिकार भीमांसा, पृ०६००) 3 ग्रन्थपरोक्षा, प्रथमभाग(उमास्वामिश्रावकाचार, कुन्द कुन्द श्रा० और जिनसेनत्रिवर्णाचारकी परीक्षाएँ)पृ०१२४ / ) 4 ग्रन्थपरीक्षा, द्वितीय भाग (भद्रबाहुसंहिताकी विस्तृत आलोचना और परीक्षा) पृ०१२८ / ) 5 ग्रन्थपरीक्षा, तृतीय भाग (सोमसेनत्रिवर्णाचार, धर्मपरीक्षा (श्वेताम्बरी) अकलंकप्रतिष्ठापाठ और पूज्यपाद-उपासकाचारकी परीक्षाएँ) पृ०२८० 1 // ) 6 ग्रन्थपरीक्षा,चतुर्थभाग(सर्यप्रकाशकी समालोचना)पृ१४६-) 7 उपासनातत्त्व (उपासनाका रहस्य, और मूर्तिपूजा पर विचार) पृ०३२ // 8 विवाहका उद्देश्य (द्वितीयावृत्ति) पृ०३४ ) 19 विवाह-समुद्देश्य (विवाहका उद्देश्य' की ___ संशोधित और परिवर्धित तृतीयावृत्ति) पृ०४० 0) 10 वीरपुष्पांजलि (शिक्षाप्रद पद्यावली) 11 विवाहक्षेत्रप्रकाश प०१७५ / ) 12 जैनियोंका अत्याचार (बड़ी मार्मिक *13 अनित्यभावना ('अनित्य पंचाशत्'का पद्यानवाद) 1024 0) 14 जैनी कौन हो सकता है ? प०१६ ) 15 शिक्षाप्रद शास्त्रीय उदाहरण 1024 .) 16 मेरी भावना (राष्ट्रीय निस्यपाठ) पृ०१६ // १७.मेरी द्रव्य पूजा प०१६ // 18 हम दुखी क्यों हैं 10 32 ju 19 वेश्या नृत्य स्तोत्र नोट-जिन ग्रन्थोंपर* यहचिहदिया है उन्हें अप्राप्य समझिये। उनके फिरसे छपनेकी ज़रूरत है। मुख्तारसाहबके सभी ग्रन्थ पढ़ने तथा संग्रहकरने के योग्य हैं। मिलनेका पता-हीरालाल पनालाल जैन, दरीबा कलां देहली Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com 30 -0005555