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________________ • भूमिका। THAन महात्माओंने पृथ्वी पर अवतीर्ण होकर जीवन के कठिन रहस्यों को सुलझाने का प्रयत्न किया है-जिन महा. स्माओं ने मनुष्य जाति के कल्याण की कामना पर MISERE अपने जीवन का बलिदान कर दिया है और जिन महात्माओं ने भूली हुई मनुष्य जाति को ज्ञान के पथ पर लगाने का प्रबल प्रयास किया है उन महात्माओं के जीवन चरित्र सर्वसाधारण के लिए कितने उपयोगी हैं यह बतलाने की अवश्यकता नहीं । उन्नत देशों में और सुसंस्कृत साहित्य में ऐसे जीवन अलङ्कार स्वरूप समझे जाते हैं। ____ आज हम पाठकों के सम्मुख ऐसे ही उच्च श्रेणी के एक महान् पुरुष का जीवन चरित्र लेकर उपस्थित होते हैं । पाठकों को इस जीवन चरित्र के पड़नेसे मालूम होगा कि भगवान महावीर का व्यक्तित्व कितना उन्नत और उदार था, उनका चरित्र कितना कठिन और संयम पूर्ण था एवं उनका उपदेश कितना दिव्य और मनोहर था। आजकल भारतवर्ष में साम्प्रदायिकता की लहर इतनी अधिकता के साथ उठ रही है-आजकल हमारा धार्मिक वायुमण्डल ऐसा विकृत हो रहा है कि उसमें रहकर वास्तविकता का प्रचार करना की बहुत कठिन हो रहा है। भगवान् महावीर का जीवन चरित्र लिखने वाले के मार्ग में भी ऐसी अनेक बाधाएं आकर उपस्थित होती हैं । साम्प्रदायिक झगड़ों के कारण भगवान् महावीर का भी रूप ऐसा विकृत हो गया है कि उसमें से वास्तविकता को निकालना अत्यन्त कठिन है। दिगम्बरी लोग कहते हैं Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034764
Book TitleBhagwan Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraraj Bhandari
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1925
Total Pages488
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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