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________________ ( ४७३ ) ही यह कार्य होगा-यह श्रवण कर सेठ चाँदमल जी अपनी बग्घी में बैठ कर आये और घाट तोड़ने वालों से कहने लगे"भाई आप जरा ठहरिए जब तक कि मैं श्रीमान् चीफ कमिश्नर साहब बहादुर के पास जाकर लौट नआऊँ।" ऐसा कह कर चीफ कमिश्नर साहब के पास गये औराइनको सच्ची हकीकत समझाइए। इस पर साहब बहादुर ने घाट तोड़ने के हुक्म को रद्द कर दिया । ____एक दफा बाबू गढ़ पहाड़ पर मुसलमानों ने कब्जा कर लिया, और बालाजी का मेला करना बन्द कर दिया। हिन्दू लोग फिर सेठ चाँदमल जी के पास गये और इस संकट से निवारण करने की प्रार्थना की । सेठ चाँदमल जी ने यह काम अपने हाथ में लिया और बहुत प्रयत्न कर बालाजी का मेला भरा दिया जो आज दिन भी बिना रोक टोक भरा जाता है। लोग कहते हैं कि जब श्रीमती भारत-सम्राज्ञी कीन मेरी अजमेर पधारी थीं उस समय उनका पुष्कर भी पधारना हुआ था । वहाँ छोटी बस्तो बारादगार के पास बाजार में बड़का गोल चबूतरा है-जिसके पास मोटर घूम कर निकलती है-इस वास्ते ऐसी आज्ञा दी गई कि चबूतरे को तोड़ डालना चाहिए । इस पर वहाँ के ब्राह्मणों ने अनेक प्रार्थनाएँ की किंतु, कुछ ध्यान न दिया गया। इस पर पुष्कर के ब्राह्मण सेठ चाँदमल जी के पास आये और इनसे सब हकीकत कही। इस पर सेठ चाँदमल जी श्रीमान कमिश्रर साहब के पास गये और उनको मना किया कि इससे बड़ा पाप लगेगा और बदनामी होगीकमिश्रर साहब ने आपकी बात मान ली और चबूतरा गिरवाने का विचार छोड़ दिया। जब ब्राह्मणों को यह ज्ञात हुआ तो उन्होंने Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034764
Book TitleBhagwan Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraraj Bhandari
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1925
Total Pages488
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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