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भगवान् महावीर
८-राजगृह-मगध को राजधानी थी।
९-रोरुक सौवीर-जो बाद को रोरुआ बन गया और जिससे वर्तमान काल का सूरत निकला है । उस समय भी यह व्यापार की बड़ी भारी मण्डी थी।
१०-सागल-~-उत्तर पच्छिम में था इसके राजाने सिकन्दर का सामना किया था।
११-साकेत-जो उन्नाव जिले के अन्तर्गत सई नदी के तट पर सुजानकोट के स्थान पर पहचाना गया है ।
१२-श्रावस्ती--यह बुद्धकाल के छः प्रसिद्ध शहरों में से एक थी।
१३-उज्जैन--यह मालवे का प्रसिद्ध शहर था । १४-वैशाली-इसका घेरा १२ मील था।
उस समय की ग्राम रचना प्रोफेसर रिस डेविड़ज़ अपनी "बुद्धिस्टिक इंडिया" नामक पुस्तक में उस समय के गावों का वर्णन करते हुए लिखते हैं कि उस काल में सब गांव प्रायः एक ही तरीके के बनाये जाते थे । सारी बस्ती को एक जगह इकट्ठी करके उसको गलियों में बाँटा जाता था, गांव के समीप वृक्षों का एक झंड रखा जाता था। उन वृक्षों को छांह में प्राम-पंचायत की बैठक हुआ करती थी। बस्ती के आस पास खेती की जमीन होती थी, गोचर भूमि पब्लिक प्रापर्टी में रक्खी जाती थी । जंगल का एक टुकड़ा इस लिये छोड़ दिया जाता था कि जहां से प्रत्येक व्यक्ति जलाने के लिये ईधन ला सके । सब लोग अपने अपने पशु अलग अलग Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com