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भूमिका
प्राचीन भारत का इतिहास समय के अनुसार तीन बड़े बड़े भागों में बाँटा जा सकता है; यथा-(१) वैदिक काल; (२) बौद्ध काल; और (३) पौराणिक काल । वैदिक काल का प्रारंभ कब से हुआ, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता । मैक्सम्यूलर, विल्सन और ग्रिफिथ साहब ने वैदिक काल का प्रारंभ मोटे तौर पर ई० पू० २००० या १५०० वर्ष से, जैकोबी महाशय ने ई० पू० ४००० वर्ष से और तिलक महाराज ने ई० पू० ५००० या ४५०० वर्ष से माना है। वैदिक काल का प्रारंभ चाहे जब से हुआ हो, पर हम निश्चित रूप से इतना अवश्य कह सकते हैं कि वैदिक काल का अंत ई० पू० छठी शताब्दी में बौद्ध धर्म के उदय से होता है । अतएव भारतीय इतिहास का बौद्ध काल ई० पू० छठी शताब्दी से लेकर ईसा के बाद चौथी शताब्दी तक माना जाता है। इसके बाद गुप्त-वंशी राजाओं के समय से बौद्ध धर्म का हास और पौराणिक धर्म का विकास होने लगता है। अतएव चौथी शताब्दी से लेकर बारहवीं शताब्दी तक, अर्थात् मुसलमानों की विजय तक, पौराणिक काल कहा जाता है।
ईसा पूर्व छठी शताब्दी से लेकर ईसा के बाद चौथी शताब्दी तक, अर्थात् मोटे तौर पर १००० वर्ष का समय, भारतवर्ष के
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