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नवाँ अध्याय मौर्य साम्राज्य की शासन पद्धति मेगास्थिनीज के भारत-वर्णन, कौटिलीय अर्थशास्त्र तथा अशोक के शिलालेखों से मौर्य साम्राज्य की शासन पद्धति का अच्छा पता लगता है । अर्थशास्त्र के अनुसार राज्य-शासन का काम लगभग तीस विभागों में बँटा हुआ था। इनमें से मुख्य सेना विभाग, नगर-शासन विभाग, प्रांतीय शासन विभाग, गुप्तचर विभाग, कृषि विभाग, नहर विभाग, व्यापार और वाणिज्य विभाग, नौ विभाग, शुल्क विभाग (चुंगी का महकमा ), आकर विभाग (खान का महकमा ), सूत्र विभाग (बुनाई का महकमा), सुरा विभाग (आबकारी का महकमा), पशु-रक्षा विभाग, मनुष्य-गणना विभाग, आय-व्यय विभाग, परराष्ट्र विभाग, न्याय विभाग आदि थे। कौटिलीय अर्थशास्त्र में इन विभागों के अध्यक्षों या सुपरिन्टेन्डेन्टों के कर्त्तव्य बहुत विस्तार के साथ दिये गये हैं।
सेना विभाग चन्द्रगुप्त मौर्य की सेना प्राचीन प्रथा के अनुसार चतुरंगिणी थी, किन्तु उसमें जल सेना की विशेषता थी । चन्द्रगुप्त की सेना में ९००० हाथी, ८००० रथ, ३०,००० घोड़े और ६,००,००० पैदल सिपाही थे। हर एक रथ पर सारथी के सिवा दो धनुर्धर
और हर हाथी पर महावत को छोड़कर तीन धनुर्धर बैठत थे। इस तरह से सैनिकों की संख्या ६,००,००० पैदल, ३०,००० Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com