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________________ बौर-कालीन भारत १४० कुमार था या नहीं। अस्तु; पुराणों में अशोक के बाद उसके पौत्र दशरथ का नाम आता है। नागार्जुनि पहाड़ी में दशरथ का जो गुहालेख है, उससे भी पता लगता है कि दशरथ नाम का एक वास्तविक राजा था। इससे यही सिद्ध होता है कि अशोक के बाद उसका पौत्र दशरथ साम्राज्य का उत्तराधिकारी हुआ। दशरथ के गुहा-लेखों की भाषा और लिपि से यह सिद्ध होता है कि वह अशोक के बहुत बाद का नहीं है। उसकी लेख-शैली से तो पता लगता है कि कदाचित् अशोक के बाद वही साम्राज्य का या कम से कम उसके पूर्वीय प्रांतों का उत्तराधिकारी हुआ । यदि हम यह बात मान लें, तो दशरथ का राज्यारोहण काल ई० पू० २३२ रक्खा जा सकता है । मालूम होता है कि उसका राज्य-काल बहुत दिनों तक नहीं था; क्योंकि पुराणों में वह केवल आठ वर्ष कहा गया है। यद्यपि किसी शिला-लेख में अशोक के संप्रति नामक एक दूसरे पौत्र का हवाला नहीं मिलता, तथापि उसका जिक्र बहुत सी दन्त-कथाओं में आता है। जैन दन्त-कथाओं में भी संप्रति को अशोक का पुत्र कहा है। इससे मालूम होता है कि संप्रति कल्पित नहीं, बल्कि एक वास्तविक व्यक्ति था । कदाचित् अशोक की मृत्यु के बाद ही मौर्य साम्राज्य दशरथ और संप्रति दोनों में बँट गया, जिनमें से दशरथ पूर्वी प्रान्तों का मालिक हुआ और संप्रति पश्चिमी प्रांतों का । पर इस मत के पोषण में कोई पुष्ट प्रमाण नहीं है। मौर्य साम्राज्य का अस्त-पुराणों के अनुसार मौर्य वंश ने भारतवर्ष में १३७ वर्षों तक राज्य किया। यदि हम यह बात मान लें और चन्द्रगुप्त का राज्य-काल ई० पू० ३२२ से प्रारंभ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034762
Book TitleBauddhkalin Bharat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJanardan Bhatt
PublisherSahitya Ratnamala Karyalay
Publication Year1926
Total Pages418
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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