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________________ ११३ राजनीतिक इतिहास मौर्य वंश चन्द्रगुप्त मौर्य चन्द्रगुप्त और सेल्यूकस - सिकन्दर की मृत्यु के बाद चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने देश को विदेशी यूनानियों की पराधीनता से छुड़ा लिया । जिस समय चन्द्रगुप्त अपने साम्राज्य के संघटन में लगा हुआ था, उसी समय उसका एक प्रतिद्वन्द्वी पश्चिमी और मध्य एशिया में अपने साम्राज्य की नींव डालने का यत्न कर रहा था और सिकन्दर के जीते हुए भारतीय प्रदेशों को अपने अधिकार में लाने की तैयारी में था । सिकन्दर की मृत्यु के बाद उसके सेनापतियों में राज्याधिकार के लिये युद्ध हुआ । इस युद्ध में एशिया के आधिपत्य के लिये एन्टिगोनस और सेल्यूकस नाम के दो सेनापति एक दूसरे का विरोध कर रहे थे । पहले तो एन्टिगोनस ने सेल्यूकस को हराकर भगा दिया; पर ई० पू० ३१२ में सेल्यूकस ने बैबिलोन को फिर से अपने अधिकार में कर लिया; और छ: वर्ष के बाद वह पश्चिमी तथा मध्य एशिया का अधिपति हो गया। उसके साम्राज्य के पश्चिमी प्रान्त भारतवर्ष की सीमा तक फैले हुए थे; और इसी लिये वह सिकन्दर के जीते हुए भारतीय प्रदेशों को फिर से अपने अधिकार में लाना चाहता था । सेल्यूकस का आक्रमण - इस उद्देश्य से उसने ई० पू० ३०५ में या उसके लगभग सिन्धु नदी पार करके सिकन्दर के धावे का अनुकरण करने का उद्योग किया। जब युद्ध भूमि में दोनों था । ( जर्नल एन्ड प्रोसीडिंग्स, एशियाटिक सोसाइटी आफ बंगाल, १९१३, पृ० ३१७-१३ ) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034762
Book TitleBauddhkalin Bharat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJanardan Bhatt
PublisherSahitya Ratnamala Karyalay
Publication Year1926
Total Pages418
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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