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सिखान्त और उपदेश पत्नी को गृहस्थी में इस प्रकार रहना चाहिए(१) अपने घर के लोगों से ठीक तरह का बर्ताव करना चाहिए। (२) मित्रों और सम्बन्धियों का उचित आदर करना चाहिए । (३) पातिव्रत धर्म का पालन करना चाहिए । (४) किफायत के साथ घर का प्रबन्ध करना चाहिए। (५) अपने कार्यो में दक्षता और परिश्रम दिखाना चाहिए ।
मित्र और साथी आर्य पुरुष को मित्रों से इस प्रकार व्यवहार करना चाहिए(१) उन्हें उपहार देना चाहिए । (२) उनसे मृदु संभाषण करना चाहिए । (३) उन्हें लाभ पहुँचाना चाहिए। (४) उनके साथ बराबरी का बर्ताव करना चाहिए । (५) उन्हें साथ रखकर अपने धन का उपभोग करना चाहिए। मित्रों को उसके साथ इस प्रकार प्रीति दिखानी चाहिए(१) जब वह बेखबर हो, तब उसकी निगरानी करनी चाहिए।
(२) यदि वह अल्हड़ हो, तो उसकी संपत्ति की रक्षा करनी चाहिए।
(३) आपत्ति के समय उसे शरण देनी चाहिए। (४) दुःख के समय उसका साथ देना चाहिए । (५) उसके कुटुम्ब के प्रति दया दिखलानी चाहिए ।
स्वामी और सेवक खामी को सेवकों के साथ इस प्रकार बर्ताव करना चाहिए
(१) उनकी शक्ति के अनुसार उन्हें काम देना चाहिए। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com