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________________ ८२ बौख-कालीन भारत __ (५) मैं उनकी मृत्यु के उपरान्त आदर से उनका ध्यान करूंगा। गुरु और शिष्य शिष्य को अपने गुरुओं का सत्कार इस प्रकार करना चाहिए(१) उनके सामने उठकर खड़े होना चाहिए। (२) उनकी सेवा करनी चाहिए। (३) उनकी आज्ञाओं का पालन करना चाहिए। (४) उन्हें आवश्यक वस्तुएँ देनी चाहिएँ । (५) उनकी शिक्षाओं पर ध्यान देना चाहिए। गुरु को अपने शिष्यों पर इस प्रकार स्नेह दिखाना चाहिए(१) उन्हें सब अच्छी बातों की शिक्षा देनी चाहिए। (२) उन्हें विद्या ग्रहण करने की शिक्षा देनी चाहिए। (३) उन्हें शास्त्र और विद्या सिखानी चाहिए। (४) उनके मित्रों और साथियों में उनकी प्रशसा करनी चाहिए। (५) आपत्ति से उनकी रक्षा करनी चाहिए। पति और पत्नी पति को अपनी पत्नी का इस प्रकार पालन करना चाहिए(१) उसके साथ आदर का व्यवहार करना चाहिए। (२) उस पर कृपा करनी चाहिए। (३) उसके साथ सच्चा व्यवहार करना चाहिए । (४) लोगों के सामने उसका सत्कार करना चाहिए। (५) उसे उचित वस्त्र और आभूषण देने चाहिएँ । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034762
Book TitleBauddhkalin Bharat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJanardan Bhatt
PublisherSahitya Ratnamala Karyalay
Publication Year1926
Total Pages418
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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