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अधिकमास निर्णय.
जाता इसीतरह अधिक महिना अछे काममें गिनतीमें नही लिया जाता. अधिक महिनेमे विवाह सादी वगेरा काम नही किये जाते. दीक्षा प्रतिष्टा वगेरा धार्मिक कामभी अधिक महिनेमें नही करते. फिर पर्युषणपर्व जैसे उमदा पर्व अधिक महिनेमें कैसे किये जाय. इसपर गौर किजिये, बस ! इसी बातपर यह किताब बनाइ गइहै.
२-वंवइसे खरतर गछके मुनि श्रीयुत माणसागरजीकी बनाइ हुइ किताव लघुपयूषणानिर्णय और अंचल गछके यतिजी श्रीयुत न्यायसागरजी महिमासागरजीकी सहीसे छपे हवे हेंडवील जब गये भाद्रपद महिनेमें बजरीये डाकके मेरेपास पहुंचेथे मेने उनलेखोपर एक किताब पर्युषणपर्वनिर्णय बनाइथी, और गतपर्युषणके दिनोमें छपवाकर जाहिर किइथी आपलोगोने पढीहोगी. जितनी छपीथी हिंदके शहर व शहरोमें जहां जहां जैनश्वेतांबर श्रावकोंकी आबादी है भेजी गइथी, उस वख्त खरतर गछके मुनिजनोंकी अंचलगछ लोकागछके यतिजनोकी और श्रावकोकी और तपगछके श्रावकोकी कइचीठियां मुल्क गुजरात, मारवाड, सिंध, पंजाब, राजपुताना, बंगाल, मध्यप्रदेश, बराड, खानदेस, मालवा, और दखनसे व जरीये डाकके मेरेपास आइथी, और उनमे अभिप्राय दियाथा कि किताव पर्युषणपर्व निर्णय उमदा बनीहै दलिले मजबूत और कंठस्थ रखनेकाबिल है. कइ महाशयोने लिखाथा पुस्तक पर्युषणपर्व निर्णय आपकी बनाइ हुइ मिली. अवलसे अखीरतक देखकर अजहद खुशी हासिल हुइ. क्यों न हो. जवावहो तो एसाहो कइ महाशयोने ते
हरीर कियाथा, आपके लेख हमेशां निर्पक्ष होतेहै. पर्युषणपर्वके ___Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
योने लिखाति और कंठस्थ पर्युषणपर्व निधी, और उन